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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

मन की बात: मोदी ने कहा, "पारस से ज्यादा अहम पानी"



 
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में विभिन्न विषयों के साथ पानी के महत्व का जिक्र किया। उन्होंने कहा, कल माघ पूर्णिमा का पर्व था। माघ का महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्त्रोतों से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है. जल हमारे लिये जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है. पानी, एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।  कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है. वैसे ही पानी का स्पर्श, जीवन के लिये जरुरी है, विकास के लिये जरुरी है। “हमारे शास्त्रों में कहा गया है:- “माघे निमग्ना: सलिले सुशीते, विमुक्तपापा: त्रिदिवम् प्रयान्ति ।।” अर्थात, माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है।
भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब देश के किसी-न-किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो। माघ के दिनों में तो लोग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं .जल हमारे लिये जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है। उन्होंने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल शक्ति अभियान ‘Catch the Rain' शुरू किया जा रहा है. इस अभियान का मूल मन्त्र है – ‘Catch the rain, where it falls, when it falls.'
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने को कहा। उन्होंने त्योहारों की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोनावायरस के संबंध में जो भी नियमों का पालन करना उसमें कोई ढिलाई नहीं आनी चाहिये। हमें कोरोना से सावधानी कम नहीं करनी है।
परीक्षाओं को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ महीने युवाओं के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। अधिकतर युवा साथियों की परिक्षाएं होंगी। आपको Warrior बनना है worrier नहीं। हंसते हुए एग्जाम देने जाना है और मुस्कुराते हुए लौटना है। पर्याप्त नींद भी लेनी है और समय प्रबंधऩ भी करना है. खेलना भी नहीं छोड़ना है।


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