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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

किसानों ने चक्का जाम से दिखाई ताकत, कई हिरासत में



नई दिल्ली। तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों के शनिवार को चक्का जाम का पूरे देश में कमोबेश असर देखने को मिला। राजधानी दिल्ली में मेट्रो के कई स्टेशनों को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया।
चक्का जाम के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय, लाल किला, जामा मस्जिद , जनपथ, केंद्रीय सचिवालय, खान मार्केट और नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश/निकास द्वारों को बंद कर दिया गया। राजधानी दिल्ली में शहीद पार्क के पास प्रदर्शन के दौरान क़रीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
चक्का जाम का सबसे ज़्यादा असर हरियाणा और पंजाब में दिखाई दिया जहां अधिकतर राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहे। जयपुर-दिल्ली हाइवे पर शाहजहांपुर में किसान दो महीने से हाइवे जाम कर बैठे हैं, यहां सर्विस लेन को भी बंद कर दिया गया। बिहार एवं झारखंड में भी इसका असर देखा गया। 
उधर, हिसार में, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान मजदूर समन्वय समिति के बैनर तले शनिवार को जिले के विभिन्न नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर 12 बजे से तीन बजे तक चक्का जाम किया गया। इसमें मुख्य रूप से मयड़ टोल, चौधरीवास टोल, बाडो पट्टी टोल व लांधड़ी टोल पर हजारों की संख्या में महिलाएं व पुरूष किसान उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त जिले के अन्य मुख्य स्थानों पर भी रास्ता जाम करते हुए विरोध जताया गया। मयड़ टोल पर धरने की अध्यक्षता धर्मपाल बडाला व रघुवीर खरड़ ने संयुक्त रूप से की, वहीं चौधरीवास टोल पर अध्यक्षता रिटायर्ड डीएसपी मनफूल सिंह ईश्वर सिंह श्योराण ने की।
लांधड़ी टोल पर महाबीर पूनिया ने अध्यक्षता की। मय्यड़ व लांधड़ी टोल पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चडुनी ने संबोधित किया। जिले में चक्का जाम पूरी तरह से सफल रहा। सभी टोलों पर विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया। महिलाओं ने सामाजिक व आंदोलन से संबंधित गीत गाकर अपने भाव प्रकट किए।
 



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