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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

स्वतंत्रता संग्राम की कहानियां लिखे युवा: मोदी


 
 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने युवाओं से स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां लिखने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि जब भारत अपनी आजादी की 75 वीं वर्ष गांठ मनायेगा, तो यह लेखन आजादी के नायकों के प्रति उत्तम श्रद्दांजलि होगी। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘ मन की बात’ के दूसरे चरण के 20 वें संस्करण में कहा कि देश के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गाँव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने, राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया, ऐसे में, यह, बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे लिए किए गए उनके संघर्षों और उनसे जुड़ी यादों को हम संजोकर रखें और इसके लिए उनके बारे में लिख कर हम अपनी भावी पीढ़ियों के लिए उनकी स्मृतियों को जीवित रख सकते हैं।
उन्हाेंने कहा, “ मैं, सभी देशवासियों को और खासकर के अपने युवा साथियों को आह्वान करता हूं कि वे देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में, आजादी से जुड़ी घटनाओं के बारे में लिखें। अपने इलाके में स्वतंत्रता संग्राम के दौर की वीरता की गाथाओं के बारे में किताबें लिखें। अब, जबकि, भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष मनायेगा, तो आपका लेखन आजादी के नायकों के प्रति उत्तम श्रद्धांजलि होगी। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा लेखकों के लिए ‘भारत 75’ के निमित्त एक अभियान शुरू किया जा रहा है। इससे सभी राज्यों और भाषाओं के युवा लेखकों को प्रोत्साहन मिलेगा। देश में बड़ी संख्या में ऐसे विषयों पर लिखने वाले लेखक तैयार होंगे, जिनका भारतीय विरासत और संस्कृति पर गहन अध्ययन होगा। ऐसी उभरती प्रतिभाओं की पूरी मदद करनी है। इससे भविष्य की दिशा निर्धारित करने वाले विचारशील नेताओं का एक वर्ग भी तैयार होगा। उन्होंने कहा, “ मैं, अपने युवा मित्रों को इस अभियान का हिस्सा बनने और अपने साहित्यिक कौशल का अधिक-से-अधिक उपयोग करने के लिए आमंत्रित करता हूँ। इससे जुड़ी जानकारियाँ शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।”
श्री मोदी ने बिहार में सीवान की प्रियंका पांडेय का उल्लेख किया और कहा कि वह देश के 15 घरेलू पर्यटन स्थलों पर जाने के सुझाव से बहुत प्रेरित हुईं है। प्रधानमंत्री ने मुंगेर के जयराम विप्लव का भी जिक्र किया जिन्होंने तारापुर शहीद दिवस के बारे में लिखा है। (वार्ता)
 


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