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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

पद्मश्री डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र का निधन




अत्यंत दु:ख के सूचित करना पड़ रहा है कि हम सभी के प्रिय एवं आदरणीय लब्धप्रतिष्ठित साहित्य मनीषी पद्मश्री डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र का आज देर रात स्वर्गवास हो गया। उनकी अंतिम यात्रा आज सुबह 11 बजे उनके निवास स्थान 7बी हरि मोहन राय लेन, कोलकाता - 700 015 से नीमतल्ला घाट के लिए प्रस्थान करेगी।
डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बलिहार गाँव में  5 नवंबर 1936 को हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ से प्राप्त करने के बाद अपने चाचा श्री काशीनाथ मिश्र के पास गोरखपुर चले गये थे। इसके बाद पिता पं. रामलगन मिश्र के पास कोलकाता पहुंचकर इण्टरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की। डॉ. मिश्र ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से वर्ष 1956 में स्नातक और वर्ष 1958 में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इस बीच इन्हें बलिया जिले के ही मूर्धन्य साहित्यकार डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का सानिध्य मिला। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद यह पुनः कलकत्ता पहुँच गये। वर्ष 1965 में इन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता से पीएचडी किया। इसके कुछ दिनों बाद बंगोबासी कॉलेज कलकत्ता में अध्यापन करने लगे। इसी के साथ इनका लेखन कार्य भी चलता रहा। 
विधाएं – निबंध, पत्रकारिता, जीवनी, संस्मरण, संपादन, अनुवाद
मुख्य कृतियां – पत्रकारिता : हिंदी पत्रकारिता : जातीय चेतना और खड़ी बोली साहित्य की निर्माण-भूमि, गणेशशंकर विद्यार्थी, पत्रकारिता : इतिहास और प्रश्न, ललित निबंध संग्रह: बेहया का जंगल, मकान उठ रहे हैं, आंगन की तलाश, अराजक उल्लास, गौरैया ससुराल गया. 
विचार प्रधान निबंध संग्रह : आस्था और मूल्यों का संक्रमण, आलोकपंथा, परंपरा का पुरुषार्थ, माटी महिमा का सनातन राग, न मेधया, भारत की जातीय पहचान : सनातन मूल्य. संस्मरण : नेह के नाते अनेक
जीवनी : कल्पतरु की उत्सव लीला (रामकृष्ण परमहंस)।
संपादन : हिंदी साहित्य : बंगीय भूमिका, श्रेष्ठ ललित निबंध, कलकत्ता – 87, नवाग्रह (कविता संकलन), समाधि (त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका), 
अनुवाद : भगवान बुद्ध (यूनू की पुस्तक का अनुवाद, कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्रकाशित)
सम्मान – मूर्तिदेवी पुरस्कार (भारतीय ज्ञानपीठ)
               पद्मश्री (2018)
संकल्प सृष्टि साहित्य सम्मान (2021)


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