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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

उद्धव ठाकरे को एक और झटका, ठाकरे खेमे से लोकसभा का ऑफिस भी छीना गया




महाराष्ट्र की सियासत हर दिन दिलचस्प होती जा रही है। उद्धव ठाकरे को एक के बाद एक झटका लग रहा है। पहले उनके हाथ से पार्टी का नाम और सिंबल गया, उसके बाद शिवसेना का ऑफिस भी चला गया। उद्धव खेमे को एक के बाद एक झटका देते हुए अब शिवसेना का लोकसभा ऑफिस मंगलवार, 21 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को सौंप दिया गया है।
सिब्बल ने प्रतिवेदन में कहा कि ईसी के आदेश पर यदि रोक नहीं लगाई जाती है तो वे चिह्न और बैंक खाते अपने कब्जे में ले लेंगे. कृपया इसे संविधान पीठ के समक्ष कल के लिए सूचीबद्ध कीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे मामले की फाइल पढ़ने की जरूरत है और उसने मामले की सुनवाई को बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे के लिए स्थगित कर दिया. निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शुक्रवार को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की ओर से स्थापित अविभाजित शिवसेना का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था.
 चीफ जस्टिस ने संकेत दिया है कि सुनवाई परसों यानी गुरुवार तक पूरी करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने उद्धव कैंप से कहा कि कल दोपहर तक सिब्बल, सिंघवी और कामत बोलें. इसके बाद परसों दोपहर तक शिंदे कैंप के वकील बोलें. उसके बाद उद्धव कैंप अपना जवाब दे. चीफ जस्टिस ने नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि वकीलों और जजों की तरफ से कही जा रही बातें लिखित रूप में कोर्ट में रखी स्क्रीन में दिखेंगी. इसे स्थायी रिकॉर्ड की तरह भी रखा जाएगा. भविष्य में कानून के छात्र भी इसे देख कर लाभ उठा सकेंगे. सभी पक्षों ने इसका स्वागत किया. 


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