चुनाव आयोग में शिंदे गुट की बड़ी जीत, शिंदे गुट के पास रहेगा शिवसेना का नाम और धनुष-बाण का सिंबल
शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल पर हक को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही थी. इसी बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है. EC के इस फैसले के बाद शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान उद्धव ठाकरे से छिन गया है. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम और शिवसेना का प्रतीक तीर कमान सौंप दिया है.
चुनाव आयोग के फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये बालासाहेब ठाकरे और आनंद दीघे के विचारों की विजय है. ये हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों की जीत है. ये लोकतंत्र की जीत है. दरअसल, एकनाथ शिंदे के विद्रोह और उद्धव ठाकरे सरकार के पतन के बाद से ही दोनों गुट शिवसेना के नाम और धनुष-बाण के चुनाव चिह्न पर दावा कर रहे थे. मामला चुनाव आयोग के पास लंबित होने के कारण धनुष-बाण के चिह्न को फ्रीज कर दिया गया था. उपचुनाव के लिए, दोनों गुटों को दो अलग-अलग सिंबल आवंटित किए गए थे. जिसमें शिंदे गुट को दो तलवारें और एक ढाल और उद्धव गुट को मशाल का सिंबल दिया गया था.
शिवसेना (ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने कहा कि हम नया चिह्न लेकर जनता के दरबार में जाएंगे और फिर एक नई शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे. ये लोकतंत्र की हत्या है. हम कानून की लड़ाई भी लड़ेंगे. उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी का एजेंट है. बीजेपी के लिए काम करता है. अब देश की जनता को विश्वास हो गया है.