इसरो का कमाल: सबसे छोटा रॉकेट SSLV-D2 का रॉकेट लॉन्च सफल,15 मिनट की उड़ान में 3 सैटेलाइट्स लॉन्च किए
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनने शुक्रवार को अपने नए और सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D2 को अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से यह लॉन्चिंग की गई। अब खबर आई है कि एसएसएलवी-डी2 ने सफलतापूर्वक तीनों सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने तीनों सैटेलाइट को ऑर्बिट में सही जगह पहुंचाने के लिए टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एसएसएलवी-डी1 के दौरान जब दिक्कतें आईं, हमने उनका विश्लेषण किया और जरूरी कदम उठाए और यह सुनिश्चित किया कि इस बार लॉन्चिंग सफल रहे।
इससे पहले एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जिनमें अमेरिकी की कंपनी अंतारिस की सैटेलाइट Janus-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट AzaadiSAT-2 और इसरो की सैटेलाइट EOS-07 शामिल थी। ये तीनों सैटेलाइट्स 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किए गए।
EOS-07 एक 156.3 किलोग्राम की सैटेलाइट है जिसे इसरो ने ही डिजाइन और विकसित किया है. नए प्रयोगों में एमएम-वेव ह्यूमिडिटी साउंडर और स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग पेलोड शामिल हैं. जबकि, Janus-1, 10.2 किलोग्राम की अमेरिकन सैटेलाइट है. वहीं, AzaadiSAT-2 8.7 किलो की सैटेलाइट है, जिसे स्पेस किड्स इंडिया के 750 छात्रों ने भारत सरकार की मदद से तैयार किया है.
SSLV की पहली टेस्ट फ्लाइट पिछले साल 9 अगस्त को विफल रही थी. इसरो के अनुसार, विफलता की जांच से यह पता चला कि दूसरे चरण के अलगाव के दौरान इक्विपमेंट बे डेक पर एक छोटी अवधि के लिए कंपन की गड़बड़ी थी. कंपन ने इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम को प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप फॉल्ट डिटेक्शन एंड आइसोलेशन सॉफ्टवेयर के सेंसर में गड़बड़ी हो गई.