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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

मोदी ने गुरु पर्व समारोह में देश के समक्ष खतरों के प्रति किया सावधान,एकजुटता की अपील की




नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समाज के लिए सिख गुरुओं की महान सीख और त्याग का उल्लेख करते हुए गुरुओं के सपनों की पूर्ति के लिए देश के लोगों से एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुओं ने देश को जिन खतरों से आगाह किया था, वे खतरे आज भी बने हुए हैं और उनके प्रति सावधान रहने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे गुरु जिन खतरों से देश को आगाह करते रहे थे, वे खतरे आज भी वैसे ही हैं और उनसे देश की सुरक्षा करनी है। श्री मोदी शनिवार को गुरुपर्व समारोहों के उपलक्ष्य में गुजरात के कच्छ जिले के गुरुद्वारा लखपत साहिब में आयोजित एक समारोह को वीडिया-सम्मेलन के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
श्री मोदी ने कहा कि आज देश का लक्ष्य है-‘एक समर्थ भारत का पुनरोदय। आज देश की नीति है-हर गरीब की सेवा, हर वंचित काे प्राथमिकता।’ उन्होंने कहा, “इसलिए सभी का दायित्व है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में, कोई हमारे सपनों पर, देश की एकजुटता पर आंच न ला सके। ”
प्रधानमंत्री ने कहा,“ हमारे गुरू, जिन सपनों के लिए जिए, जिन सपनों के लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया, उनकी पूर्ति के लिए हम सभी एकजुट होकर चलें, हमारे बीच एकजुटता बहुत अनिवार्य है। ‘हमारे गुरु, जिन खतरों से देश को आगाह करते थे, वे आज भी वैसे ही हैं। इसलिए हमें सतर्क भी रहना है और देश की सुरक्षा भी करनी है। ”
उन्होंने कहा कि आज देश के हर प्रयास का, हर योजना का लाभ देश के हर हिस्से को समान रूप से मिल रहा है। इन प्रयासों की सिद्धि समरस भारत को मजबूत, गुरु नानकदेव जी की शिक्षाओं को चरितार्थ करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह समय आज़ादी के अमृत महोत्सव का है। आज जब देश अपने स्वाधीनता संग्राम से, अपने अतीत से प्रेरणा ले रहा है, तो हमारे गुरुओं के आदर्श हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। आज देश जो प्रयास कर रहा है, जो संकल्प ले रहा है, उन सबमें वही सपने हैं जो सदियों से देश पूरे होते देखना चाह रहा है। ”
उन्होंने कहा,“ जिस तरह गुरु नानकदेव जी ने 'मानव जात' का पाठ हमें सिखाया था, उसी पर चलते हुये आज देश 'सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास' के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है।’ उन्होंने भरोसा जताया कि गुरु नानक देव के आशीर्वाद से इन संकल्पों को जरूर पूरा करेंगे और देश नई ऊंचाई तक पहुंचेगा।
श्री मोदी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि गुरुनानक देव जी के बाद आए हमारे सिख गुरुओं ने देश और धर्म के लिए प्राणों की बाजी लगाने में भी संकोच नहीं किया। इस समय देश गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश उत्सव मना रहा है। जिस तरह देश ने उन्हें 'हिन्द की चादर' की पदवी दी, वह हमें सिख परंपरा के प्रति हर एक भारतवासी के जुड़ाव को दिखाता है।
उन्होंने कहा कि औरंगज़ेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर का पराक्रम और उनका बलिदान हमें सिखाता है कि आतंक और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है।
श्री मोदी ने कहा कि जिस समय गुरु नानक देव जी ने अवतार लिया था, उस समय भारतीय समाज तमाम विडंबनाओं और रूढ़ियों से घिरा था। गुरु नानक देव जी और उनके बाद हमारे अलग-अलग गुरुओं ने भारत की चेतना को तो प्रज्वलित रखा ही, भारत को भी सुरक्षित रखने का मार्ग बनाया। जब देश जात-पात और मत-मतांतर के नाम पर कमजोर पड़ रहा था तब गुरु नानक देव जी ने कहा था- “जाणहु जोति न पूछहु जाती, आगे जात न हे।” अर्थात्, सभी में भगवान के प्रकाश को देखें, उसे पहचानें। किसी की जाति न पूछिए, क्योंकि जाति से किसी की पहचान नहीं होती, न जीवन के बाद की यात्रा में किसी की कोई जाति होती है। ”
श्री मोदी ने कहा कि हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और अध्यात्म तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र का चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है, तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है।


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