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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

रूस के सहयोग से अमेठी में पांच लाख राइफल बनाने की योजना को मंजूरी




नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित कोरवा में रूस के सहयोग से पांच लाख ए के -203 असाल्ट राइफल बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार को यहां होने वाली शिखर वार्ता से दो दिन पहले यह घोषणा की गई है।
सरकार के इस कदम को उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस परियोजना के शुरू होने से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सेना पिछले तीन दशकों से इंसास राइफलों का इस्तेमाल कर रही है लेकिन अब जल्दी ही उसे 7.62 X 39 एम एम कैलीबर की ए के-203 राइफल मिलने वाली है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने गत बुधवार को ही इस योजना को मंजूरी दी थी। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में इन राइफलों की खरीद तथा देश में ही इन्हें बनाने की मंजूरी दी गई । इसके लिए रूस प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करेगा।
सरकारी सूत्रों ने कहा है कि इससे रक्षा क्षेत्र में वैश्विक खरीद के बजाए मेक इन इंडिया पर जोर दिए जाने का पता चलता है। साथ ही रूस के साथ रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती साझेदारी के संकेत भी मिलते हैं।
इस परियोजना से सूक्ष्म, लघु और मझौली इकाईयों और रक्षा उद्योगों के लिए व्यवसाय के अवसर पैदा होंगे जिससे रोजगार भी बढ़ेंगे । साथ ही रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का योगदान भी बढ़ेगा।
ए के-203 असाल्ट राइफल 300 मीटर की दूरी तक प्रभावशाली ढंग से मार करती हैं और यह हल्की, मजबूत तथा इस्तेमाल करने में आसान है । इससे आतंकवाद रोधी अभियानों में सेना की क्षमता भी बढ़ेगी।
इस परियोजना के लिए एक विशेष उपक्रम इंडो रसियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड बनाया गया है।
राष्ट्रपति पुतिन शिखर वार्ता में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को यहां पहुंचेंगे इससे पहले दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू वार्ता भी होगी।


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