उत्तराखंड : जंगलों में रुक नहीं रहा आग का तांडव, वन विभाग ने बुझाने में लगाई ताकत >>>>>>>>> राज्यपाल ने राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर लगाई रोक, वित्त मंत्री चंद्रिमा पर भी लगा 'प्रतिबंध' >>>>>>>>> माध्यमिक परीक्षा में जिलों ने मारी बाजी, कूचबिहार का चंद्रचूड़ टॉपर >>>>>>>>> टीएमसी ने कुणाल घोष लिया एक्शन, महासचिव पद से हटाया
Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

उप्र में बसपा दोहरायेगी 2007 का चुनाव परिणाम : मायावती


उप्र में बसपा दोहरायेगी 2007 का चुनाव परिणाम : मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा)की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत का दावा करते हुये मंगलवार को कहा कि पार्टी 2007 के चुनाव परिणाम का इतिहास 2022 में दोहरायेगी।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस तरह बसपा ने 2007 में समाज के सभी वर्गों खासकर सवर्ण समुदायों में ब्राह्मण वर्ग का समर्थन हासिल कर चुनाव जीता था, उसको पार्टी एक बार फिर दोहरायेगी। उन्होंने 2007 में बसपा के सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को इस बार भी अपनाने का जिक्र करते हुये कहा कि ब्राह्मण समाज को बसपा से जोड़ने की जिम्मेदारी इस बार भी पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की टीम को दी गयी है।
मायावती ने कहा कि उन्होंने मंगलवार काे प्रदेश की सभी सुरक्षित सीटों के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक बुलायी गयी है। इन सीटों पर सवर्ण समाज खासकर ब्राह्मण समाज को जोड़ने और बूथ स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की रणनीति पर इस बैठक में विचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सुरक्षित सीटों पर ब्राह्मण समाज को जोड़ने की जिम्मेदारी मिश्रा की अगुवाई वाली एक टीम को सौंपी गयी है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले उनके नेतृत्व में चार बार बनी उत्तर प्रदेश की सरकार में समाज के सभी वर्गों का हित ध्यान में रखकर काम किया था। उन्होंने बताया कि उनकी पिछली सरकारों के कामों का एक फोल्डर बनाया गया है।
मायावती ने कहा कि पार्टी की ओर से इस फोल्डर को जन -जन तक पहुंचाया जायेगा। जिससे लोग यह जान सकें कि किस प्रकार गैर बसपा सरकारें उनके द्वारा शुरु किये गये कामों का ही अनुसरण कर रही हैं। मायावती ने कहा कि दूसरी पार्टियों की तरह बसपा बातें करने में नहीं बल्कि काम करके दिखाने में विश्वास करती है। पहले भी बसपा की सरकारों ने काम करके दिखाया है जिसका अनुसरण अब गैर बसपा सरकारें कर रही हैं।
तीन कृषि कानून वापस लिये जाने के केन्द्र सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा कि सरकार को अब आंदोलनरत किसानों की अन्य जायज मांगों पर भी अविलंब बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुलझाना चाहिये। जिससे किसान अपना आंदोलन खत्म कर घर वापस लौट सकें। उल्लेखनीय है कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की थी।


भारत