उत्तराखंड : जंगलों में रुक नहीं रहा आग का तांडव, वन विभाग ने बुझाने में लगाई ताकत >>>>>>>>> राज्यपाल ने राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर लगाई रोक, वित्त मंत्री चंद्रिमा पर भी लगा 'प्रतिबंध' >>>>>>>>> माध्यमिक परीक्षा में जिलों ने मारी बाजी, कूचबिहार का चंद्रचूड़ टॉपर >>>>>>>>> टीएमसी ने कुणाल घोष लिया एक्शन, महासचिव पद से हटाया
Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

अदाणी समूह 10 वर्षाे में बिजली क्षेत्र में करेगा 20 अरब डॉलर का निवेश



नयी दिल्ली।अदाणी समूह अगले 10 वर्षाें में रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन, कम्पोनेंट निर्माण, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन में 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने की योजना बनायी है।
समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने जेपी मोर्गन इंडिया इंवेस्टर शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि जहां तक हमारी भागीदारी है, अदाणी समूह सस्टेनेबिलिटी के मामले में भारत की स्थिति के अनुरूप है। हम 33-35 प्रतिशत तीव्रता में कमी हासिल करने के भारत के एनडीसी लक्ष्य सहित, भारत द्वारा हस्ताक्षरित लक्ष्यों को पार कर जाएंगे। हमें यह भी विश्वास है कि हमारी एकीकृत वैल्यू चेन, हमारा व्यापक स्तर और अनुभव हमें दुनिया में कहीं भी सबसे कम खर्चीले हरित इलेक्ट्रॉन के उत्पादक बनने की राह पर ले जाता है।
श्री अदाणी ने कहा कि अपने उत्पादन, निर्माणाधीन और अनुबंधित परियोजनाओं के आधार पर उनका समूह पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा कंपनी हैं जो इसे केवल दो वर्षों में हासिल किया गया है और हमारा रिन्यूएबल पोर्टफोलियो निर्धारित समय से चार साल पहले 25 गीगावाट के हमारे प्रारंभिक लक्ष्य तक पहुंच गया है। यह हमें 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन कंपनी बनने की राह पर ले जाता है। यह हमारे लिए कई नए रास्ते भी खोलता है जिसमें हमारा दुनिया के सबसे बड़े हरित हाइड्रोजन उत्पादकों में से एक बनाना शामिल है। हमारे कार्यों से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि हम अपना पैसा सही जगह पर खर्च कर रहे हैं।
उन्होंने कहा “ 2025 तक हमारे नियोजित पूंजीगत व्यय का 75 प्रतिशत से अधिक ग्रीन टेक्नोलॉजी में होगा। आज, यूटीलिटीज से हमारे ईबीआईटीडीए का 43 प्रतिशत पहले से ही ग्रीन बिजनेस से है। हम अपनी रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन क्षमता को अगले चार वर्षों में तिगुना यानी अभी 21 प्रतिशत से 63 प्रतिशत के उच्च स्तर पर कर देंगे। इस पैमाने पर कोई कंपनी निर्माण नहीं कर रही है।”


भारत