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Dainik Vishwamitra

सोमवार २८ अप्रैल

म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप: मंदिर-घर ढहे, फ्लाइओवर गिरा, बैंकॉक में तबाही, झटके चीन तक महसूस हुए



नेपीता | म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे राजधानी नेपीता सहित कई इलाकों में भारी तबाही मची। भूकंप के झटकों से मंदिर, घर और पुल ढह गए, जबकि बैंकॉक में एक निर्माणाधीन फ्लाइओवर गिर गया। इसका असर थाईलैंड और चीन तक महसूस किया गया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, भूकंप का केंद्र मांडले के पास, 10 किलोमीटर की गहराई में था। इसकी तीव्रता इतनी अधिक थी कि झटके थाईलैंड और चीन तक महसूस किए गए।

थाईलैंड और चीन तक असर
भूकंप का प्रभाव सिर्फ म्यांमार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पड़ोसी देशों में भी तबाही मच गई। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन फ्लाइओवर गिर गया। कई ऊंची इमारतों की दीवारों में दरारें आ गईं, और टॉप फ्लोर पर बने पूल से पानी गिरने लगा। झटकों से होटल के कमरों में लगी तस्वीरें हिलने लगीं, जिससे लोग डरकर बाहर निकल आए। चीन के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए।

म्यांमार में तबाही के दृश्य
नेपीता: राजधानी में भूकंप के कारण कई मंदिर और घरों को नुकसान पहुँचा।

मांडले: ऐतिहासिक शाही महल मांडले पैलेस के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए।

सागाइंग: इस क्षेत्र में एक पुल पूरी तरह ढह गया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।

बैंकॉक: ऊंची इमारतों में दरारें आ गईं और छतों के टुकड़े नीचे गिरने लगे।

लोगों में दहशत, सड़कों पर उमड़ी भीड़
भूकंप के झटकों के कारण हजारों लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर आ गए। बैंकॉक की सड़कों पर अफरातफरी मच गई। कई इमारतों में नुकसान की खबरें हैं, लेकिन अब तक किसी बड़ी जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है।

सरकार और राहत एजेंसियां अलर्ट पर
म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों ने स्थिति पर नजर रखने के लिए आपातकालीन टीमें गठित कर दी हैं। राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहने की सलाह दी है।

भूकंप से नुकसान का आकलन जारी
फिलहाल, भूकंप से हुए नुकसान का पूरा आकलन किया जा रहा है। हालांकि, शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, कई ऐतिहासिक स्थलों को क्षति पहुँची है और ढांचागत नुकसान काफी ज्यादा है। अधिकारियों का कहना है कि आगे भी आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) आ सकते हैं, इसलिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। (तस्वीर दैनिक भास्कर से साभार)


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