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Dainik Vishwamitra

गुरुवार २२ मई

चीन में नए वायरस का खतरा: कोविड-19 के बाद फिर बढ़ी चिंता




बीजिंग। कोविड-19 के पांच साल बाद चीन में एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का संक्रमण फैलने की खबरें सामने आई हैं। यह एक RNA वायरस है, जिसके लक्षण काफी हद तक कोविड-19 जैसे ही हैं। विशेषज्ञों ने इसे लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

छोटे बच्चों पर ज्यादा असर
चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, HMPV का सबसे अधिक असर छोटे बच्चों, खासतौर पर 2 साल से कम उम्र के शिशुओं पर देखा जा रहा है। इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और गले में घरघराहट शामिल हैं। इसके अलावा, अस्थमा और क्रोनिक बीमारियों से पीड़ित लोगों में भी संक्रमण का खतरा ज्यादा है।

इमरजेंसी के दावों से मची हलचल
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स के मुताबिक, चीन में इस वायरस के प्रसार के कारण कई इलाकों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। अस्पतालों और श्मशान घाटों में भीड़ बढ़ने की खबरें भी सामने आई हैं। हालांकि, चीन की सरकार ने ऐसी किसी आधिकारिक घोषणा की पुष्टि नहीं की है।

फैलने की तेज रफ्तार
विशेषज्ञों का कहना है कि खांसने और छींकने से यह वायरस तेजी से फैलता है। संक्रमण के बाद 3 से 5 दिनों के भीतर इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का कारण बन सकता है। चीन इस वायरस पर काबू पाने के लिए निगरानी प्रणाली की टेस्टिंग कर रहा है।

पहली बार 2001 में हुई थी पहचान
HMPV वायरस की पहचान पहली बार 2001 में हुई थी, जब डच वैज्ञानिकों ने इसे सांस की बीमारी से जूझ रहे बच्चों के सैंपल में खोजा था। हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से मौजूद है।

सर्दियों में ज्यादा खतरा
यह वायरस सालभर वातावरण में सक्रिय रहता है, लेकिन सर्दियों के मौसम में इसके संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है।

कोविड-19 की यादें ताजा
2019 में चीन के वुहान शहर से ही कोविड-19 का प्रकोप शुरू हुआ था, जिसे शुरू में रहस्यमयी निमोनिया माना गया था। बाद में यह वैश्विक महामारी बन गया और करोड़ों लोगों को संक्रमित किया।


स्वास्थ्य

  • रिंगर लैक्टेट का उपयोग फिलहाल प्रतिबंधित

    कोलकाता। स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल रिंगर लैक्टेट सलाइन के उपयोग पर रोक लगा दी है। सलाइन की गुणवत्ता को लेकर चल रही जांच के पूरी होने तक यह प्रतिबंध जारी रहेगा। सोमवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित कई दौर की बैठकों के बाद स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डॉ. अनिरुद्ध नियोगी ने इस निर्णय की जानकारी दी। हालांकि, इस संबंध में अलग से कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के सुपरिंटेंडेंट और प्रिंसिपलों को इस प्रतिबंध के बारे में सूचित कर दिया गया है।

  • एचएमपीवी वायरस पर ममता की निजी अस्पतालों को चेतावनी

    कोलकाता। ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) फिलहाल चिंता का कारण नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को गंगासागर से लौटने के बाद यह जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बिना नाम लिए निजी अस्पतालों की मनमानी पर भी सभी को सतर्क रहने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने विभिन्न निजी अस्पतालों द्वारा ‘अत्यधिक बिल’ वसूलने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हल्के बुखार पर भी लोगों को डराया जा रहा है, जिससे बेवजह डर का माहौल बन रहा है। ममता बनर्जी गंगासागर से हेलीकॉप्टर के जरिए हावड़ा के डुमुरजाल

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