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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

बाबरी मामले में बरी होने पर आडवाणी एवं जोशी ने जताई खुशी


नयी दिल्ली। बाबरी मस्जिद ढ़ाचा गिराये जाने के मामले में बरी होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और डॉ़ मुरली मनोहर जोशी ने  दिली प्रसन्नता का इजहार किया है। लखनऊ में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढांचा गिराये जाने के मामले में दोनों नेताओं का बरी कर दिया।

श्री आडवाणी ने 27 पृथ्वीराज रोड स्थित अपने निवास पर टेलीविजन पर सीबीआई की अदालत के फैसले की जानकारी हासिल की। श्री आडवाणी ने अपने बयान में कहा कि बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में विशेष अदालत के महत्वपूर्ण निर्णय का तहेदिल से स्वागत करते हैं। यह निर्णय रामजन्म भूमि आंदोलन को लेकर उनके निजी और भाजपा के विश्वास एवं प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है।

उन्हाेंने कहा कि वह इस बात से अभिभूत हैं कि यह उच्चतम न्यायालय के नवंबर 2019 के निर्णय के बाद एक और महत्वपूर्ण निर्णय है, इससे अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर को देखने के स्वप्न के साकार होने का मार्ग प्रशस्त करता है जिसकी आधारशिला पांच अगस्त 2020 को रखी गयी। उन्होंने कहा, “मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों और उन सब लोगों का आभारी हूं जिनके निस्वार्थ याेगदान एवं बलिदान ने अयोध्या आंदोलन के दौरान मुझे ताकत एवं समर्थन दिया।”

श्री आडवाणी ने सीबीआई की विशेष अदालत में उनके मुकदमे की पैरवी करने के लिए अपने वकील श्री महिपाल आहलूवालिया एवं उनकी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि करोड़ों देशवासियों के साथ वह अयोध्या में भव्य एवं सुंदर श्रीराम मंदिर के पूर्ण होने की कामना करते हैं।

इस मामले के एक अन्य मुख्य आरोपी डॉ. जोशी ने न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा , “इससे प्रमाणित हुआ है कि छह दिसम्बर की अयोध्या की घटना में कोई षड्यंत्र नहीं था । हमारा कार्यक्रम और रैली षड्यंत्र का हिस्सा नहीं था। सभी लोग राम मंदिर के निर्माण को लेकर अब उत्साहित हैं।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिउ विध्वंस मामले में श्री लाल कृष्ण आडवानी, श्री मुरली मनोहर जोशी, श्री कल्याण सिंह , सुश्री उमा भारती समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का वह स्वागत करते हैं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुयी है ।


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