पीएम मोदी ने कोरोना से जंग के लिए दिया '4टी' का मंत्र, कहा - सभी को मिलकर तीसरी लहर की आशंका को रोकना है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए '4T' का मंत्र दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र, ओडिशा और दक्षिण भारत के 4 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग के दौरान यह फॉर्मूला दिया। वर्चुअल मीटिंग में कहा, 'हमें टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और टीका की रणनीति पर फोकस करते हुए आगे बढ़ना है। जिन जिलों में कोरोना के ज्यादा केस मिल रहे हैं, वहां उतनी ही ज्यादा सख्ती रखनी होगी।
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले बढ रहे हैं वह तीसरी लहर की आशंका को बढा रहे हैं इसलिए सभी को एकजुट होकर तमाम एहतियाती उपाय करते हुए इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है।
श्री मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से छह राज्यों तमिलनाडु , आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र और केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना संक्रमण की स्थिति पर बात की। प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात की थी। इन सभी राज्यों में देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कोरोना संक्रमण के मामले बढ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “ पिछले डेढ वर्षों में हम सब ने मिलकर एक दूसरे के अनुभवों से सीखते हुए मिलकर कोरोना महामारी का मुकाबला किया है। आज हम एक ऐसे मोड पर खड़े हैं जहां तीसरी लहर की आशंका लगातार जतायी जा रही है। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकांश राज्यों में मामलों की संख्या में कमी आने से कुछ राहत मिली थी और विशेषज्ञ भी कह रहे थे कि देश जल्द ही इस दूसरी लहर से बाहर आ जायेगा लेकिन पिछले हफ्ते में जो कुल मामले सामने आये उनमें से 80 प्रतिशत इन छह राज्यों से आये हैं और 84 फीसदी मौत भी इन्हीं राज्यों में हुई है।
उन्होंने कहा, “ शुरुआत में विशेषज्ञ ये मान रहे थे कि जहां से सेकंड वेव की शुरुआत हुई थी, वहाँ स्थिति पहले नियंत्रण में होगी। लेकिन महाराष्ट्र और केरल में केसेस में इजाफा देखने को मिल रहा है। ये वाकई हम सबके लिए, देश के लिए एक गंभीर चिंता काविषय है। ”
उन्होंने कहा कि इसी तरह का रूझान दूसरी लहर से पहले जनवरी और फरवरी में भी देखने को मिला था इसलिए चिंता बढ जाती है कि यदि स्थिति नियंत्रण में नहीं आयी तो मुश्किल हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि जिन राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, उन्हें सभी एहतियाती उपाय करते हुए तीसरी लहर की किसी भी आशंका को रोकना होगा।