चार दिन बाद बंकरों से बाहर निकले LoC के लोग
श्रीनगर/जम्मू | भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम हुए सीजफायर के बावजूद कश्मीर घाटी में दहशत की स्थिति बनी हुई है। श्रीनगर के लाल चौक और डल झील जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में अब भी सन्नाटा पसरा है। उधर, एलओसी से सटे गांवों के लोग चार दिन बाद बंकरों से बाहर जरूर आए, लेकिन माहौल को लेकर अब भी असमंजस में हैं। राजबाग, लाल चौक और डल झील के दुकानदारों व शिकारा चालकों ने बताया कि जैसे ही सीजफायर की खबर आई, कुछ देर के लिए जनजीवन सामान्य हुआ, लेकिन रात में फिर धमाकों की आवाजें गूंजीं और लोग दोबारा घरों में दुबक गए। टूरिस्ट अब भी घाटी में नजर नहीं आ रहे, जिससे पर्यटन व्यवसाय ठप पड़ा है।
कुपवाड़ा और पुंछ जैसे सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों ने बताया कि बंकरों से बाहर आने के कुछ ही घंटों बाद फिर से फायरिंग शुरू हो गई, जिससे डर अब भी बना हुआ है। उनका मानना है कि जब तक पाकिस्तान के साथ कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं होती, स्थायी शांति संभव नहीं। वहीं, जम्मू में 11 मई की सुबह अपेक्षाकृत शांत रही। गांधीनगर, नरवाल और शास्त्री नगर जैसे इलाकों में जनजीवन सामान्य होने लगा है। दुकानें खुलीं और ट्रैफिक दिखने लगा।