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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

गंगा की निर्मलता बनाये रखने के लिये सजग हो समाज : भागवत



प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए समाज को सजग करना होगा। श्री भागवत ने शनिवार को संघ के आनुषांगिक संगठन गंगा समग्र की माघ मेला क्षेत्र में चिंतन बैठक में कार्यकर्ताओं को सम्बाेधित करते हुए कहा कि गंगा भारत के जीवन की सांस्कृतिक रेखा है। शासन का सहयोग हो इससे भी समाज की सजगता आवश्यक है। यह कार्य औपचारिक संगठन से नहीं इसके लिए समाज के वेग प्रवाह की आवश्यकता है। यदि समाज सजग हआ तो आधा कार्य वैसे ही हो जाएगा।
उन्होने कहा कि भारत की सभी नदियों में गंगा का अंश माना जाता है। गंगा के दोनो किनारों पर आधुनिक समाज निवास करता है। गांव गांव में जाकर उसे निर्मल करने के लिए सभी से आग्रह करना होगा। इसके लिए धैर्यपूर्वक सतत कार्य करना होगा। गंगा निर्मल एवं स्वच्छ हों, श्रद्धापूर्वक समाज में संस्कृति के अनुरूप संकल्प लेकर काम करना होगा। यह जन कल्याण का कार्य है, इसमें आशंका करने की आवश्यकता नहीं।
श्री भागवत ने कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता के आंकड़े कह रहे हैं अभी बहुत प्रयास करना है। नियमित नित्य कार्य करके लक्ष्य तक पहुंचना, अविरल एवं निर्मल गंगा के लिए समाज का सजग करना है। उन्होने कहा कि जिस प्रकार कोरोना में प्राणायाम और काढ़ा, को धैर्य पूर्वक सतत एवं लम्बे समय तक किया गया उसी प्रकार गंगा को भी निर्मल बनाने में लम्बे समय तक धैर्यता पूर्वक कार्य करना होगा।


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