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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

कोरोनील कोरोना की प्रामाणिक दवा : पतंजलि



नई दिल्ली। पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने दावा किया है कि वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर कोरोनील दवा कोरोना के उपचार के लिए कारगर साबित हुई है।
योगगुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कोरोनील को जारी करते हुए कहा कि यह दवा वैज्ञानिक मापदंडों पर खरी उतरी है तथा इसको लेकर नौ शोध पत्र दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभाव वाले शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं जबकि 16 पर काम जारी है। उन्होंने कहा , “ कुछ समय पहले कोरोनील के वैज्ञानिक मापदंडों को लेकर सवाल उठाए गए थे। आयुर्वेद के शोध को लेकर संदेह किए जाते हैं लेकिन पतंजलि ने ऐसी धारणाओं को खारिज कर दिया है। अब संदेह के बादल छंट गए हैं।”
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और पतंजलि के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद भी थे। श्री रामदेव ने कहा कि कोरोनील दवा साक्ष्यों पर आधारित पुख्ता दवा है जिसे आयुष मंत्रालय ने कोरोना के इलाज के लिए सहायक उपाय के तौर पर स्वीकार कर लिया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको प्रमाण पत्र दे दिया है। उन्होंने कहा , “ हमने वैज्ञानिक पद्वति से कोरोनील पर अनुसंधान किए हैं। अब सारे प्रमाण पत्रों के साथ हमारे पास 250 से ज्यादा शोध पत्र हैं जिसमें अकेले कोरोना के ऊपर 25 शोध किए गए हैं।”
आचार्य बालकृष्ण ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि कोरोना के वैज्ञानिक तथ्यों को लेकर अज्ञानतावश कुछ सवाल उठाए गए थे जिसका विभिन्न अनुसंधानों के माध्यम से समाधान कर दिया गया है। उन्होने कहा कि पतंजलि, आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थानों से मदद ले रहा है। साथ ही इस क्षेत्र के दुनिया के महत्वपूर्ण संस्थानों के संपर्क में है और उनके साथ अनुसंधानों को लेकर तथ्यों को साझा कर रहा है।
श्री बालकृष्ण ने कहा , “ स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोरोनील को 158 देशों के लिए मान्यता मिल गई है इसलिए अब हम कोरोनील का निर्यात कर सकते हैं। ”
उल्लेखनीय है कि श्री रामदेव ने जून 2020 में दावा किया था कि कोरोना के इलाज के लिए कोरोनील पुख्ता दवा है लेकिन दवा की मान्यता को लेकर हुए विवाद के बाद उन्होंने इसे बीमारी का असर कम करने वाली दवा बताकर अपना बचाव किया था। उत्तराखंड सरकार के आयुष विभाग ने दवा के संबंध में कोई अनुमति नहीं लिए जाने की बात पर पतंजलि को नोटिस भी जारी किया था।


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