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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

छह फरवरी को देशभर में चक्का जाम करेंगे किसान



सोनीपत। ट्रैक्टर परेड के बाद किसानों को अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने, कानून रद्द नहीं करने और बजट में अनदेखी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने छह फरवरी को देशभर में चक्का जाम का ऐलान कर दिया है।
ऐलान के मुताबिक चक्का जाम दोपहर को 12 बजे से तीन बजे के बीच रखा जाएगा। इसमें देशभर में किसान राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों को जाम करेंगे। इंटरनेट सेवा के बाद किसान नेताओं के ट्विटर एकाउंट निलंबित करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
सोमवार देर शाम को कुंडली बार्डर पर संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई। इसमें विभिन्न संगठनों ने शिरकत की। बैठक के बाद किसान नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, डा. दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चढूनी, प्रेम सिंह पंघू और परमेंद्र मान आदि ने बताया कि किसानों के साथ जिस तरह से दिल्ली पुलिस और सरकार अत्याचार कर रही है, यह असहनीय है। उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा इसे लेकर छह फरवरी को चक्का जाम करके अपना विरोध दर्ज कराएगा।
किसान नेताओं ने कहा कि लगातार युवाओं से मारपीट हो रही है। इसके अलावा 26 जनवरी को जो वाहन जब्त किए हैं, इनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। बल्कि सरकार धरना स्थल के आसपास सड़कें खोदने के साथ गलियों के भी रास्ते बंद कर रही है। धरने पर पानी और बिजली की व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है। टविटर इंडिया ने सरकार की निर्देश पर किसान संयुक्त मोर्चा के ट्विटर एकाउंट के साथ-साथ ट्रैक्टर टू ट्विटर और कई लोगों के पर्सनल एकाउंट बंद कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह सब तानाशाही नहीं है, तो क्या है? ऐसे माहौल में किसानों की सरकार से बातचीत का क्या कोई औचित्य बनता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो दो दिन पहले की बयान दिया था, वो भी जुमला ही साबित हुआ है। अगर सरकार की नीयत सही होती, तो वह चर्चा आगे बढ़ाने का प्रयास करती। लेकिन सरकार ने जिस तरह से बजट में किसान और खेती की अनदेखी करके पूंजीपतियों पर फोकस कर दिया, वह बेहद निराशाजनक है।
किसान नेताओं ने बताया कि अब तक उनके पास जो अधिकारिक जानकारी आई है, उसके अनुसार 122 किसानों के विभिन्न थानों में होने की बात कही गई है। वहीं, 43 युवा जेल में होने की बात सामने आई है। इसके अलावा भी बहुत सारे युवा और किसान लापता हैं, इनके बारे में पता कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अब मन की नहीं, बल्कि जन की बात सुननी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को लगता था कि आंदोलन को कुचल देंगे, लेकिन अब यह आंदोलन और तेजी से बढ़ रहा है। धीरे-धीरे समाज के हर वर्ग से उन्हें समर्थन मिल रहा है।


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