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Dainik Vishwamitra

रविवार १२ मई २०२४

“सबके लिए शिक्षा और ज्ञान” रही टैगोर की परिकल्पना: मोदी



शांतिनिकेतन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि गुुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने “सबके लिए शिक्षा और ज्ञान” की परिकल्पना संजोए विश्वभारती विश्वविद्यालय की शुरुआत की और इस विश्व प्रसिद्ध संस्थान की 100 वीं वर्षगांठ के मौके पर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी को अच्छी शिक्षा मिले।
श्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए यह उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने कहा,“ इस ऐतिहासिक समारोह को संबोधित करना मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है। मैं उन उन सभी को धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं , जिन्होंने इसे एक वास्तविक महान संस्थान बनाने में अपना योगदान दिया।”
उन्होंने कहा, “ हमारा देश विश्वभारती के संदेश और शिक्षा को आगे ले जाने में अग्रसर है। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन हो अथवा पेरिस जलवायु समझौते , यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो पेरिस जलवायु समझौते में निर्धारित लक्ष्यों के साथ क्रियाशील है।”
उन्होंने कहा कि विश्वभारती विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, आंध्र विश्वविद्यालय, अन्ना मलाई विश्वविद्यालय तथा और भी समकालीन उत्कृष्ट संस्थानों ने देश में शिक्षा एवं ज्ञान की अलख जगायी है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण हमेशा से दुनिया से सीखने और यहां जो रहा है उसे सिखाने का रहा है। उन्होंने विश्वभारती का उदाहरण देते हुए कहा कि यह संस्थान शिक्षा के बारे में देश के दृष्टिकोण और विचारों को प्रदर्शित करता है। विश्व भारती मां भारती में शामिल हो गया है और इसने शिक्षा को प्रमुखता दी है।
उन्होंने कहा कि सदियों तक व्याप्त भक्ति आंदोलन के युग ने वैचारिक मूल्य तथा सबक दिए और हम सबको एकता के सूत्र में बांधा। फिर ज्ञान आंदोलन से ज्ञान मिला और अंतत: कर्म आंदोलन ने योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद की।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ हमें एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम करना होगा और इसके लिए उन सभी से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने देश को महान बनाने में अपना योगदान दिया है। ”
इस मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं।


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