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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

तोमर, गडकरी ने की नये कृषि कानूनों की तारीफ



नई दिल्ली। नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर इन कानूनों की तारीफ करते हुये कहा कि ये किसानों के हित में हैं। ‘एग्रोविजन फाउंडेशन’ द्वारा ऑनलाइन आयोजित कृषि-खाद्य प्रसंस्करण बैठक का शुभारंभ करते हुए श्री तोमर ने कहा कि कृषि सुधार के नये कानूनों का लाभ किसानों को मिलने लगा है। देश की लगभग आधी आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है और कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की प्रगति, देश की तरक्की और देश की अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ी हुई है। किसानों की समृद्धि के लिए मोदी सरकार सारे जरूरी उपाय सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नये कृषि कानून बनाये और आवश्यक वस्तु अधिनियम में भी महत्वपूर्ण संशोधन किया जिसका लाभ किसानों मिलना शुरू हो गया है। कुछ किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं, जिन्हें नये कानूनों के फायदे समझाये जा रहे हैं। आने वाले वर्षों में किसानों के लिए ये अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होंगे।
श्री गड़करी ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निकट भविष्य में काफी रोजगार बढ़ेंगे। सरकार आगामी पाँच साल में पाँच करोड़ रोजगार के अवसर सृजित करने का प्रयास कर रही है। ग्रामीण उद्योगों का टर्नओवर 80 हजार करोड़ रुपये है, जिसे पाँच साल में बढ़ाकर पाँच लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है। इसके लिए कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से काम हो रहा है।
श्री तोमर ने कहा कि देश में 10 हजार नये खाद्य प्रसंस्करण संगठन बनाने का काम भी प्रारंभ हो गया है जिससे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आयेगा। इन संगठनों पर सरकार अगले पाँच साल में 6,850 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। इनके माध्यम से किसानी की लागत कम होगी, किसान प्रौद्योगिकी का उपयोग करेंगे, महँगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे, जिससे उनका जीवन स्तर ऊँचा उठेगा और इसका फायदा अंततः देश को ही मिलेगा।
उन्होंने बताया कि बीते छह साल में 21 मेगा फूड पार्क, लगभग पौने दो सौ कोल्ड चेन एवं मूल्यवर्धन बुनियादी ढांचा, करीब 50 प्रसंस्करण इकाइयों और अन्य परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन सबसे लाखों किसानों को फायदा हो रहा है तथा रोजगार के अवसर भी काफी बढ़े हैं। (वार्ता)


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