चमोली/देहरादून, 08 नवंबर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को उत्तराखंड स्थित भू-बैकुंठ धाम पहुंचकर, भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए। मंदिर में करीब 25 मिनट तक पूजा करते हुए उन्होंने देश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
इससे पहले राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति की अगवानी की।
श्रीमती मुर्मु कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की बीच, भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बुधवार सुबह 10ः20 बजे बद्रीनाथ आर्मी हेलीपैड पहुंचे। जहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना एवं पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने उनका स्वागत किया। यहां से वह काफिले के साथ मंदिर पहुंची और मंदिर में बद्री विशाल की वेद पाठ एवं विशेष पूजा की। बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी एवं तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा संपन्न की।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र, उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं अन्य पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को बद्री विशाल का प्रसाद एवं अंग वस्त्र भेंट किया।
श्री धामी ने मंदिर परिसर में राष्ट्रपति को भोजपत्र पर बनी बद्रीनाथ मंदिर की प्रतिकृति, आरती और स्थानीय उत्पादों की टोकरी भेंट की। भू-बैकुंठ धाम की अलौकिक सुंदरता देख राष्ट्रपति अभिभूत दिखे। मंदिर से निकलते समय उन्होंने हाथ हिलाकर बद्रीनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं का अभिवादन भी किया। मंदिर में पूजा दर्शन के बाद राष्ट्रपति बदरीनाथ से श्रीनगर के लिए प्रस्थान किया।
राष्ट्रपति के दौरे को लेकर प्रशासन द्वारा धाम में सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किए गए थे। साथ ही कन्टीजेन्सी प्लान के तहत गौचर में भी सभी व्यवस्थाएं की गई थी।
नई दिल्ली/कोलकाता। आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कोलकाता के भूतनाथ, खिदिरपुर के भू-कैलाश मंदिर, तारकेश्वर सहित तमाम मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है।
कोलकाता। बसंत पंचमी का पर्व आज मनाया जा रहा है। इसको लेकर विद्यार्थियों में खासा उत्साह है। कोलकाता समेत पूरे पश्चिम बंगाल में यह पूजा लगभग हर घर में की जाती है। बसंत पंचमी पर्व की पूर्व संध्या पर कल तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। सार्वजनिक रूप से मां सरस्वती की प्रतिमा को रखने वाली समितियां काफी दिनों से तैयारियों में जुटी थीं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना फरवरी 2020 में हुई थी। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पांच एकड़ जमीन स्वीकार की और अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी।