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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी- 'अगर कोई संवैधानिक उल्लंघन पाया गया तो हम निश्चित रूप से हस्तक्षेप कर सकते हैं'


सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी- 'अगर कोई संवैधानिक उल्लंघन पाया गया तो हम निश्चित रूप से हस्तक्षेप कर सकते हैं'

केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐलान संसद में किया था. उसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया. इस तरह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग अलग हो गए. केंद्र सरकार के इस ऐलान का जहां कुछ राजनीतिक दलों ने समर्थन किया तो कुछ आवाज विरोध में भी उठे. मामला सुप्रीम कोर्ट की दहलीज तक जा पहुंचा. अनुच्छेद 370 हटाए जाने को गलत बताने वालों का तर्क है कि केंद्र सरकार ने महज राजनीतिक लाभ के लिए फैसला लिया था.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की संविधान पीठ आर्टिकल 370 पर सुनवाई कर रही है. इस बेंच के सामने अपनी दलील रखते हुए सीनियर एडवोकेट राजीव धवन ने कहा, "राज्यों की स्वायत्तता हमारे संविधान के लिए मौलिक है." उन्होंने कहा कि ये विशेष प्रावधान सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए नहीं है, बल्कि कई दूसरे राज्यों के पास भी ये अधिकार है. 


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