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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

ग्लोबल ऑयल मार्केट का सेंटर बनता जा रहा भारत,पश्चिम को दे रहा सस्ता तेल



भारत अधिक से अधिक सस्ता रूसी तेल खरीदकर इसे आगे यूरोप और अमेरिका को दे रहा है, फिर भी कुछ देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से रूस के ऊर्जा राजस्व को कम करने में उन्हें (पश्चिमी देश) सफलता नहीं मिल रही।
रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद ग्लोबल ऑयल मार्केट में बड़ा बदलाव आया है। यूरोप ने रूस पर प्रतिबंधों को और बढ़ा दिया है। ऐसे में भारत ग्लोबल ऑयल मार्केट में सेंटर बनता जा रहा है।
वाशिंगटन थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के बेन काहिल ने कहा, "अमेरिकी ट्रेजरी अधिकारियों के दो मुख्य लक्ष्य हैं- बाजार को अच्छी तरह से आपूर्ति मिलती रही और रूस का तेल राजस्व कम हो जाए. वे जानते हैं कि भारतीय और चीनी रिफाइनर सस्ता रूसी क्रूड ऑयल खरीदकर और बाजार की कीमतों पर उत्पादों का निर्यात करके बड़ा मार्जिन कमा सकते हैं. हालांकि, उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है."
डेटा इंटेलिजेंस फर्म केप्लर के मुताबिक, भारत ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में लगभग 89,000 बैरल प्रति दिन गैसोलीन और डीजल का निर्यात किया, जो लगभग चार वर्षों में सबसे अधिक है. यूरोप में कम सल्फर वाले डीजल का निर्यात जनवरी में 172,000 बैरल था, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे अधिक है. 


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