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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

फैजाबाद अयोध्या हो सकता है तो हैदराबाद ‘भाग्य नगर’ क्यों नहीं: योगी



 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि फैजाबाद का नाम अयोध्या हो सकता है तो हैदराबाद का नामकरण भाग्यनगर क्यों नहीं हो सकता। श्री योगी ने शनिवार को कहा “लोग मुझसे पूछ रहे थे क्या हैदराबाद भाग्य नगर हो सकता है। मैंने कहा क्यों नहीं, हमने कहा देखिए, उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आई, हमने फैजाबाद को अयोध्या कर दिया। इलाहाबाद को प्रयागराज कर दिया। गंगा यमुना दो पवित्र नदियां मिलती हैं। कुंभ का आयोजन होता है, तो फिर यहां का वास्तविक नाम भाग्य नगर क्यों नहीं हो सकता। भाग्य नगर का मतलब संप्रति का प्रतीक भाग्य नगर का मतलब विकास का प्रतीक। ”
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए तेलंगाना और हैदराबाद से भारी संख्या में कारसेवक गए थे। आपके पूर्वज लगातार आंदोलन करते रहे, लेकिन कुछ लोग थे, जो आपकी आस्था का अपमान करते थे। वह हर प्रयास कर रहे थे कि किसी भी स्थिति में अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के निर्माण का मार्ग न प्रशस्त हो, उनका एक ही प्रयास था। लेकिन हम सब आभारी हैं पीएम मोदी जी के। 492 वर्षों में जो कार्य नहीं हो पाया, प्रधानमंत्री ने शांतिपूर्ण तरीके से मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर राष्ट्र गौरव के लिए हम सबको अवसर दिया।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) पर बरसते हुये उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम के दो भाई हमेशा उलटा बोलते हैं और टीआरएस को एआईएमआईएम जैसे नमूने अराजकता फैलाने के लिए मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि जब देश के सारे नेता सो रहे थे तो प्रधानमंत्री कोविड वैक्सिन के लिए अहमदाबाद हैदराबाद और पुणे की लैब का दौरा कर रहे थे। आपके बीच भी आए थे। टीआरएस के मुख्यमंत्री तो आज तक हैदराबाद की लैब में गए भी नहीं होंगे।
हैदराबाद के मलकजगिरि में और शालीबंदा लाल दरवाजा के अलका थिएटर ग्राउंड में आयोजित जनसभा के दौरान श्री योगी ने हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि एआईएमआईएम का एक विधायक बना, लेकिन जब संविधान की शपथ लेने की बात आई, तो उन्होंने हिंदुस्तान बोलने से इनकार कर दिया। हिंदुस्तान के नाम पर शपथ नहीं ली। हिंदुस्तान में रहेंगे, हिंदुस्तान का खाएंगे, लेकिन जब संविधान की शपथ हिंदुस्तान के नाम पर लेने की बात आएगी, तो हिंदुस्तान नाम बोलने में संकोच करेंगे, यह एआईएमआईएम की असलियत को बताने का कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में परिवारवाद के लिए जगह नहीं होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से यहां पर टीआरएस सरकार ने एआईएमआईएम के साथ एक गठबंधन कर जनता की भावना के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा “ मैं पूछना चाहता हूं टीआरएस की सरकार से हाल ही में यहां बाढ़ आई थी। अगर प्रधानमंत्री देश के अंदर 12 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का छह हजार रुपए सालाना डीबीटी के माध्यम से आनलाइन उनके अकाउंट में डाल सकते हैं, तो फिर हैदराबाद में बाढ़ पीड़ितों की दी जाने वाली धनराशि गरीबों के खाते में क्यों नहीं पहुंच पाई है।” (वार्ता)


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