2 साल बाद जेल से बाहर आएंगे समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान
आजम ख़ान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने जमीन पर कब्जा और ठगी मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है. अनुच्छेद 142 के तहत विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर ये बेल दी गई है. वहीं दो हफ्ते में ट्रायल कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं. नियमित जमानत पर फैसले तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस के अजीबोगरीब तथ्यों को देखते हुए अंतरिम जमानत दे रहे हैं. आजम खां फरवरी 2020 से सीतापुर की जेल में बंद हैं. इससे पहले मंगलवार को सपा नेता की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था.
यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया था, "याचिकाकर्ता मामले के जांच अधिकारी को धमकाया भी गया था. जब आजम खां का बयान दर्ज किया जा रहा था तब भी जांच अधिकारी को धमकाया गया था. आजम खां भी कानून में मौजूद उपाय के तहत उपयुक्त कोर्ट में FIR को रद्द करने की मांग करें. वो भू माफिया हैं और आदतन अपराधी हैं."
क्या है पूरा मामला?
जेल में रहते हुए यूपी के रामपुर से विधायक चुने गए आजम खान फरवरी, 2020 से जेल में बंद है. उनके ऊपर लगभग 90 आपराधिक केस है. यह केस यूपी पुलिस के अलावा केंद्रीय एजेंसियों ने भी दर्ज किए हैं. उनकी याचिका में बताया गया था कि 86 मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है. लेकिन हाई कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर से एक मामले में जमानत पर आदेश सुरक्षित रखा हुआ है. कई बार आवेदन देने के बावजूद आदेश नहीं दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 5 महीने से जमानत पर आदेश न आने को न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक बताया था. आखिरकार, 10 मई को हाई कोर्ट ने ज़मानत के लिए बचे आखिरी मामले में भी आज़म को अर्ज़ी स्वीकार कर ली. यह मामला 'शत्रु संपत्ति' पर अवैध कब्जे का था.