उत्तराखंड : जंगलों में रुक नहीं रहा आग का तांडव, वन विभाग ने बुझाने में लगाई ताकत >>>>>>>>> राज्यपाल ने राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर लगाई रोक, वित्त मंत्री चंद्रिमा पर भी लगा 'प्रतिबंध' >>>>>>>>> माध्यमिक परीक्षा में जिलों ने मारी बाजी, कूचबिहार का चंद्रचूड़ टॉपर >>>>>>>>> टीएमसी ने कुणाल घोष लिया एक्शन, महासचिव पद से हटाया
Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान को जमानत मिली, जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे




लखनऊ। रामपुर में जमीन के कब्जे के कई मामलों के साथ अन्य केस में सजा मिलने के बाद जेल में बंद रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी है। आजम खां करीब दो वर्ष से सीतापुर की जेल में बंद हैं।
आजम खां को सरकारी मुहर और लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिली है। हाई कोर्ट ने सरकारी लेटर पैड एवं मुहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की ओर से दाखिल जमानत अर्जी मंगलवार को मंजूर कर ली। वह अन्य मामलों में अभी जेल में ही रहेंगे। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने दिया। अदालत के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खां काफी समय से जेल में हैं तथा उनके विरुद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है। इसके अलावा मामला राजनीति से प्रेरित है। दूसरी ओर जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील का तर्क था कि आजम खां के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज कोतवाली में एक फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। इसके बाद अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया कि आजम खां ने सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मुहर का दुरुपयोग करके भाजपा के साथ ही साथ आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जावाद नकवी को बदनाम कर उनकी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं।
आजम खान विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं कर पाए थे. सुप्रीम कोर्ट ने आठ फरवरी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. रामपुर सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आजम खान ने अपना और पार्टी का चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों में जानबूझकर धीमी कार्रवाई की जा रही है, ताकि वह अधिक से अधिक समय तक जेल में रहें.


भारत