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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाना सुनकर रो पड़ी थीं लता मंगेशकर




मुंबई। बॉलीवुड की स्वर कोकिला लता मंगेश्कर ने जब 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाना सुना तब वह रो पड़ी थी।
लता मंगेश्कर का गाया गाना 'ऐ मेरे वतन के लोगों' जब भी सुनायी देता है तब श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। बताया जाता है कि इस गाने को अपनी आवाज देने के लिए लता मंगेशकर ने मना कर दिया था. लेकिन जब उन्होंने इस गाने को पहली बार सुना तो वो रोने लगी थीं। कवि प्रदीप ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' की रचना की है। कवि प्रदीप के दिमाग में इस गाने के बोल तब आए जब वह मुंबई माहीम बीच पर टहल रहे थे। उस वक्त उनके पास ना पेन था और ना ही कागज। ऐसे में उन्होंने पास से गुजर रहे अजनबी से पेन मांगा और सिगरेट के एल्यूमिनियम फॉयल पर गाने को लिखा।
कवि प्रदीप इस गाने को लता मंगेशकर से ही गवाना चाहते थे। किसी बात को लेकर लता मंगेशकर और कवि प्रदीप के बीच मतभेद हो गया था, इसके बाद लता ने इस गाने को गाने से इनकार कर दिया। काफी समय के बाद कवि प्रदीप ने लता दीदी को मनवाया और इस गाने को लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी। बताया जाता है कि लता ने उस वक्त एक शर्त रखी थी उनका कहना था कि जब भी इस गाने का रिहर्सल होगा तो उन्हें वहां पर मौजूद रहना होगा। कवि प्रदीप गायिका की इस बात को तुरंत मान गए थे।


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