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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

भारत विदेशी मुद्रा संकट में घिरे श्रीलंका को 1.5 अरब डॉलर की ऋण सहायता देने की तैयारी में




नयी दिल्ली। भारत सरकार विदेशी मुद्रा की तंगी में घिरे श्रीलंका को खाद्य, आवश्यक वस्तुओं, दवाओं और ईंधन के आयात के लिए 1.5 अरब डॉलर का ऋण देने जा रहा है। अभी कुछ ही दिन पहले पहले सरकार ने इस पड़ोसी देश को 90 करोड डालर की सहायता दी थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को वीडिया कांफ्रेसिंग के जरिए श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे से बातचीत में भारत की ओर से कर्ज सहायता दिए जाने के बारे में जानकारी दी। विदेश मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, "हमने 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की करेंसी अदला-बदली सुविधा दिए जाने और एशियायी समाशोधन यूनियन (एसीयू) व्यवस्था के तहत 51.52 करोड़ डॉलर के बकाया के समाधान को टालने के निर्णय को सराहनीय रूप से देखा है।" एसीयू के तहत सदस्य देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच लेन-देन का निपटान शुद्ध बहुपक्षीय स्तर पर किया जाता है।
उन्होंने आगे लिखा, “श्रीलंका को आवश्यक वस्तुओं के इंतजाम के लिए 1 अरब डॉलर की की सावधि ऋण सुविधा की शीघ्र प्राप्ति और 50 करोड़ डॉलर की लेटर ऑफ क्रेडिट ( उधार पर गारंटी) ईंधन की खरीद के लिए दिए जाने पर चर्चा की।"
श्री जयशंकर ने श्रीलंका को भरोसा दिलाया है कि भारत उसका दृढ़ और विश्वसनीय भागीदार होगा तथा भारत इस महत्वपूर्ण मोड़ पर श्रीलंका की मदद करने के लिए अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ पहल करेगा।
उन्होंने त्रिंकोमाली टैंक फार्म परियोजना की प्रगति का स्वागत किया। यह परियोजना श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देगी। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि वातचीत भारत की ऐसी परियोजनाओं और निवेश योजनाओं पर विचार किया गया जो श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
श्री जयंशकर ने इस अवसर पर श्रीलंकाई हिरासत में भारतीय मछुआरों की मानवीय आधार पर जल्द रिहाई का आग्रह भी किया।"
उल्लेखनीय है कि भारत और श्रीलंका के बीच त्रिंकोमाली तेल टैंक फार्म के संयुक्त विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर एक सप्ताह पहले ही हुए हैं।
बैठक के बारे में एक बयान में कहा गया है कि इस बातचीत में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा श्रीलंका के साथ है, और कोविड19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक और अन्य चुनौतियों पर काबू पाने के लिए हर संभव तरीके से उसकी सहायता करता रहेगा। घनिष्ठ मित्र और समुद्री पड़ोसी के रूप में, भारत और श्रीलंका दोनों को परस्पर घनिष्ठ आर्थिक अंतर्संबंधों से लाभ होगा।
विदेश मंत्री ने श्रीलंका के वित्त मंत्री और सरकार और श्रीलंका के लोगों को अपनी ओर से और सरकार तथा भारत के लोगों की ओर से वर्ष 2022 के लिए बधाई दी ।
दोनों देशों के बीच यह ऑनलाइन बैठक चीन के विदेश मंत्री वांग यी की कोलंबो यात्रा के कुछ दिनों बाद हुई है। चीन द्वीपीय राष्ट्र में प्रमुख बुनियादी परियोजनाओं के माध्यम से अपने दबदबे को मजबूत करना चाहता है और श्रीलंका के लिए एक वित्तीय पैकेज भी तैयार कर रहा है।


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