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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

‘जनरल रावत के हेलिकॉप्टर के बादलों में घिरने से पायलट का ध्यान गड़बड़ा हो गया था’




नयी दिल्ली। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों को ले जा रहे हेलीकॉप्टर की जांच कर रही सेना के तीनों अंगों की संयुक्त कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का निष्कर्ष है कि उस समय मौसम में अप्रत्याशित रूप से बदलाव के बीच हेलीकॉप्टर बादलों में घिर गया था, जिसके कारण पायलट का ध्यान भटक गया था। भारतीय वायु सेना ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी ।
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जांच दल ने एमआई -17 वी 5 की आठ दिसंबर की दुर्घटना के बारे में अपने प्रारंभिक निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं। इस जांच में सेना और नौसेना के अधिकारी भी थे।
वायु सेना के बयान में कहा गया, " जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण को निर्धारित करने के लिए उपलब्ध गवाहों से पूछताछ के अलावा हेलीकॉप्टर के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया।
जांच दल ने इस दुर्घटना में तोड़फोड़ की संभावना से इनकार किया है। बयान में कहा गया, "कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया है।"
वायु सेना ने कहा कि घटना के समय मौसम में अप्रत्याशित बदलाव ही को पायलट के ध्यान में भटकाव का मुख्य कारण रहा और उसके परिणामस्वरूप हेलीकॉप्टर कोयंबटूर के पास उस पहाड़ी इलाके में नियंत्रित उड़ान के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इससे इस संबंध में यूनीवार्ता की पहले की एक रिपोर्ट की पुष्टि होती है।
बयान में कहा गया है कि इस जांच के निष्कर्षों के आधार पर जांच टीम ने कुछ सिफारिशें (भविष्य में वीवीआईपी यात्रा के लिए) की हैं, जिनकी समीक्षा की जा रही है।
इससे पहले इस समिति ने 5 जनवरी को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और रक्षा सचिव अजय कुमार की मौजूदगी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी एक विस्तृत दी थी।
जनरल रावत के साथ हादसे में पत्नी मधुलिका रावत, उनके वरिष्ठतम स्टाफ अधिकारी ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर और लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह , जितेंद्र कुमार, विवेक कुमार, बी. साई तेजा, हवलदार सतपाल और हेलीकॉप्टर उड़ा रहे पायलट दल के सदस्यों की मौत हो गयी थी।
हेलीकॉप्टर ने सुलूर वायु सेना स्टेशन से वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी थी ।


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