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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १० मई २०२४

दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए हर संभव कार्य कर रही:गोपाल राय



नयी दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि केजरीवाल सरकार अपने स्तर पर प्रदूषण कम करने के लिए हर संभव कार्य कर रही है।
श्री राय ने आज पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की संयुक्त बैठक बुलाने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से एक माह से निवेदन कर रहा हैं कि पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक बुलाकर एक ज्वाइंट एक्शन प्लान जाया जाए। उनकी सरकार अपने स्तर पर प्रदूषण कम करने के लिए हर संभव कार्य कर रही है। जब तक आसपास के राज्यों के प्रदूषण को कम करने के लिए संयुक्त एक्शन प्लान नहीं बनेगा। तब तक ज्यादा प्रभावी असर होना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कई आपातकालीन कदम उठाए गए हैं। दिल्ली में इस समय निर्माण-डिमोलिशन के कार्य बंद है। इसके अलावा रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान चल रहा है। दिल्ली के बाहर से जो ट्रक आते हैं, उन पर रोक है। सिर्फ अत्यावश्यक वस्तुओं से जुड़े ट्रक ही दिल्ली के अंदर आ रहे हैं। पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच का अभियान चारों तरफ चल रहा है। पानी का छिड़काव किया जा रहा है और एंटी ओपन बर्निंग अभियान भी चलाया जा रहा है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि आईआईटीएम के डाटा के आधार पर सीएसई ने रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण स्तर में 31 फ़ीसदी दिल्ली के अंदर के स्रोतों का प्रदूषण है। इसके अलावा 69 फी‌सदी प्रदूषण एनसीआर के राज्यों के स्रोत की भागीदारी है। इसलिए सभी प्रयासों के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बनी हुई है, जिसको देखते हुए आज तीसरी बार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को चिट्ठी लिखी है। उनसे एक माह से निवेदन कर रहे हैं कि पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक होनी चाहिए। पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठकर एक ज्वाइंट एक्शन प्लान जाया जाए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में वह लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन बाहर के स्रोत से 69 फ़ीसदी प्रदूषण में जब तक कमी नहीं आएगी, तब तक दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं होगा। इसलिए जो आज स्थिति है और सरकारें जो प्रयास कर रही हैं, उसका भी विश्लेषण किया जाए। विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके क्या कदम उठाए जा सकते हैं, उसके ऊपर संयुक्त एक्शन प्लान बने, जिससे कि प्रदूषण की स्थिति को जल्दी नियंत्रित किया जा सके।


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