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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

मजबूत लोकतंत्र के लिए स्थानीय स्तर पर न्यायपालिका की मजबूती जरूरीः न्यायमूर्ति रमन


 
नयी दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने मजबूत लोकतंत्र के लिए स्वस्थ न्यायिक व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि जमीनी स्तर पर न्याय व्यवस्था को मजबूत किए बिना हम एक स्वस्थ न्यायपालिका की कल्पना नहीं कर सकते।

न्यायमूर्ति रमन ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से देशव्यापी 40 दिवसीय कानूनी जागरूकता अभियान के समापन अवसर पर कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में न्यायपालिका हमेशा आगे रही है। इस देश की संवैधानिक अदालतों के फैसलों ने लोकतंत्र को फलने फूलने में सक्षम बनाया है

उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका को स्थानीय अदालत के कार्यों के माध्यम से लोग जानते हैं। न्यायपालिका लोगों की मदद की अंतिम उम्मीद होती है। संकट में पड़ी महिला, देखभाल की आवश्यकता पड़ने पर बच्चे या फिर अवैध बंदी, सबसे पहले निचली अदालत का दरवाजा खटखटते आते हैं।

उन्होंने अदालती फैसलों के समाज पर प्रभाव का जिक्र करते हुए उच्च न्यायालयों एवं निचली अदालतों से सरल और स्पष्ट भाषा में निर्णय लिखने की अपील की। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारे निर्णयों का बहुत बड़ा सामाजिक प्रभाव होता है, इसलिए हमें सरल और स्पष्ट भाषा में अपने निर्णय लिखने चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि स्थानीय अदालतों की व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ हमें ऐसे स्वयंसेवकों को साथ जोड़ने की जरूरत है जो आवश्यकता पड़ने पर पीड़ितों और उनके परिवारों को संवेदनशीलता के साथ मदद कर सकें।

उन्होंने कानूनी सहायता आंदोलन को और आगे बढ़ाने के लिए वकीलों, विधि के छात्रों के साथ-साथ कानून के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने का काम करने वाले अधिक से अधिक लोगों जोड़ने को समय की मांग बताया।

न्यायमूर्ति रमन ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि केस और इससे जुड़े आंकड़ों का सही प्रकार से प्रबंधन किया जाए। इसका लाभ न केवल पारदर्शिता को बढ़ाने, बल्कि न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में भी मिलेगा। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए हमें आधुनिक तकनीकों की मदद लेनी होगी।

मुख्य न्यायाधीश ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को दो अक्टूबर को इस अभियान शुरू करने और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया।

न्यायमूर्ति रमन ने देश में कानूनी सहायता आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया ।

विज्ञान भवन में आयोजित समापन समारोह में न्यायमूर्ति यू. यू. ललित, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर , केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा सभी उच्चतम न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश , कई वरिष्ठ वकील और स्कूली बच्चे शामिल हुए। दिव्यांग बच्चों ने देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम पेश कर अतिथियों का मन मोह लिया।

बाल दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने मुख्य न्यायाधीश समेत अन्य अतिथियों काे पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।


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