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Dainik Vishwamitra

रविवार १२ मई २०२४

चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर रहेगी 9.5 प्रतिशत : आरबीआई



मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोरोना की दूसरी लहर के शांत पड़ने के बाद आर्थिक गतिविधियां एवं मांग बढ़ने और सरकार के आर्थिक पैकेज की घोषणा की बदौलत चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर के 9.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है।
आरबीआई ने 06 अगस्त को हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के मिनट्स शुक्रवार को जारी किये, जिसमें कहा गया है कि कोराना महामारी की दूसरी लहर के शांत पड़ने के बाद घरेलू आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौटने लगी है। कृषि उत्पादन एवं ग्रामीण मांग मजबूत होगी। विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र की गतिविधियां तेज गति से बढ़ने शहरी क्षेत्र की मांग में भी सुधार होगी।
टीकाकरण की गति तेज होने, निर्यात बढ़ने, सरकार के व्यय खासकर पूंजीगत व्यय में तेजी आने की उम्मीद और सरकार की ओर से हाल ही में की गई आर्थिक पैकेज की घोषणा मांग में वृद्धि करेगी। कंपनियों का उत्पादन बढ़ने के साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही से नये ऑर्डर मिलने शुरू होंगे जो चौथी तिमाही तक बरकरार रहेंगे। हालांकि वैश्विक स्तर पर जिंसों की कीमत एवं वित्त बाजार की उठापटक जोखिक का कारण हो सकते हैं।
मिनट्स में कहा गया है कि इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए चालू वित्त वर्ष में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर के 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक विकास दर के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 21.4 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में वास्तविक विकास दर 17.2 प्रतिशत रह सकती है।
आरबीआई ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम माॅनसून में सुधार और खरीफ फसलों की बुवाई तेज होने, खाद्यानों का बफर स्टॉक से अनाजों की महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से किये गये हस्तक्षेप के कारण जुलाई में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें कम हुई हैं। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए चालू वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई के 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।


भारत

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