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Dainik Vishwamitra

रविवार १२ मई २०२४

भारोत्तोलक मीराबाई ने जीता ऐतिहासिक सिल्वर, सभी ने दी बधाई




टोक्यो। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में दूसरा दिन भारत के लिए खास रहा। भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने ऐतिहासिक सिल्वर मेडल अपने नाम किया। यह पहला मौका है जब भारत ने मेडल कम्पटीशन के पहले ही दिन अपना खाता खोला। हालांकि, निशानेबाजी में देश के हाथ निराशा लगी, लेकिन बैडमिंटन, टेबल-टेनिस और पुरुष हॉकी में अच्छे नतीजे आए। भारत ने इन खेलों के इतिहास में पहली बार पहले दिन कोई पदक जीता। 26 वर्षीय मीराबाई ने कुल 202 किग्रा (87+115) वजन उठाया और ओलंपिक्स में रजत जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारोत्तोलक बन गयी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और मुख्यमंत्रियों ने टोक्यो ओलम्पिक में भारत के लिए पदक का खाता खोलने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू को बधाई दी है।
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने शनिवार को ट्वीट करके कहा, “मीराबाई चानू को टोक्यो ओलम्पिक 2020 में भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर पदक का खाता खोलने के लिए हार्दिक बधाई।”26 वर्षीया चानू ने ओलम्पिक के पहले दिन 49 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता। किसी ओलम्पिक में वह रजत पदक जीतने वाली पहली महिला भारोत्तोलक बनी हैं।इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलम्पिक 2000 में 69 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने पर मीराबाई चानू को शुभकामनाएं दी है।श्री नायडू ने शनिवार को यहां जारी एक संदेश में कहा कि चानू की सफलता अन्य खिलाड़ियों का संकल्प दृढ़ करेगी।उन्होंने कहा , “टोक्यो ओलंपिक में भारोत्तोलन की 49 किग्रा वर्ग प्रतियोगिता में देश के लिए पहला रजत पदक जीतने के लिए मीराबाई चानू को हार्दिक बधाई! आपकी सफलता दल के सभी खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन करने के संकल्प को और दृढ़ करेगी। भावी सफलताओं के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।”
चानू को यह सफलता कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 के सिडनी ओलंपिक्स में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतने के 20 साल बाद आयी है मल्लेश्वरी ओलम्पिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
इस कामयाबी के साथ चानू ने 2016 के पिछले रियो ओलंपिक्स की बुरी यादों को पीछे छोड़ दिया जब वह क्लीन एन्ड जर्क में अपने तीनों प्रयासों में नाकाम रही थीं। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की होऊ झिहुई ने कुल 210 किग्रा (94+116) वजन उठाकर जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांतिका ने 194 किग्रा (84+110) वजन उठाकर जीता।
टोक्यो इंटरनेशनल फोरम में हुए इन मुकाबलों में चानू ने स्नैच में अपने पहले प्रयास में 84 किग्रा भार उठाया। बाद में चानू ने 87 किग्रा वजन उठाकर खुद को लाभदायक स्थिति में पहुंचा दिया। लेकिन झिहुई ने अपने पहले प्रयास में 88 किग्रा वजन उठाकर और फिर अपने तीसरे प्रयास में 94 किग्रा वजन उठाकर नया ओलम्पिक रिकॉर्ड बना दिया।
क्लीन एन्ड जर्क राउंड में चानू ने 110 किग्रा वजन उठाया और दूसरे प्रयास में 115 किग्रा वजन उठाकर इसमें सुधार कर दिया। चानू ने अपने तीसरे प्रयास में ११७ किग्रा वजन उठाने का प्रयास किया लेकिन विफल रहीं। मगर उनका 115 किग्रा का प्रयास उन्हें रजत पदक दिलाने के लिए काफी था।
चानू के रजत जीतते ही भारतीय खेमा ख़ुशी से उछल पड़ा। वाकई यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी जिसका पूरे देश को बरसों से इन्तजार था। चानू की यह सफलता आगामी दिनों में और भारतीय खिलाड़ियों को पदक जीतने के लिए प्रेरित करेगी।


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