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Dainik Vishwamitra

रविवार १२ मई २०२४

योग पर वैज्ञानिक अध्ययन को आगे बढ़ाये आईएमए : मोदी



नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमए) का आह्वान किया कि वह योग पर साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक अध्ययन को आगे बढ़ाये और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित कराये ताकि विश्व भर में आने वाली पीढ़ी को उसका लाभ मिले।
श्री मोदी ने विश्व डॉक्टर्स डे के मौके पर अपने संदेश में कहा, “जब डॉक्टर योग का अध्ययन करते हैं तो सारी दुनिया इसे अधिक गंभीरता से लेती है। क्या भारतीय चिकित्सा परिषद इस अध्ययन को मिशन मॉड में आगे बढ़ा सकती है? क्या साक्ष्य आधारित अध्ययन को वैज्ञानिक ढंग से आगे बढ़ाया जा सकता है? क्या योग पर अध्ययन अंतरराष्ट्रीय पत्रों में प्रकाशित कराये जा सकते हैं?” उन्होंने कहा, “ये समय यह भी सुनिश्चित करने का है कि आपके काम का, आपके वैज्ञानिक अध्ययनों का दुनिया संज्ञान ले और आने वाली पीढ़ी को उसका लाभ भी मिले।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड की महामारी के काल में जिस प्रकार से हमारे डॉक्टरों ने देश की सेवा है जो प्रेरणास्पद है। जब देश कोविड के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़ रहा है, डॉक्टरों ने लाखों जिन्दगियां बचायीं हैं। अनेक डॉक्टरों ने अपने अथक प्रयासों में जीवन का बलिदान भी दिया है। उन्होंने कहा, “ मैं 130 करोड़ भारतीयों की ओर से उन दिवंगतात्माओं के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं। मैं सभी डॉक्टरों के प्रति आभार प्रकट करता हूं।”
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इतने दशकों में जिस तरह का मेडिकल ढांचा देश में तैयार हुआ था, उसकी सीमाएं सब भलीभांति जानते हैं। पहले के समय में मेडिकल ढांचे को किस तरह नजरअंदाज किया गया था, उससे भी आप परिचित हैं। गत वर्ष कोरोना की पहली लहर के दौरान हमने 15 हजार करोड़ रुपए स्वास्थ्य ढांचा को उन्नत बनाने के लिए आवंटित किये थे। इस साल स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट आवंटन दोगुने से भी ज्यादा यानि दो लाख करोड़ रुपये से अधिक किया गया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार 50 हजार करोड़ रुपए की एक ऋण गारंटी स्कीम लेकर आयी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध है। गत वर्ष, हमने डॉक्टरों के विरुद्ध अपराधों से निपटने के लिए कई प्रावधान किये हैं। सरकार ने कोविड योद्धाओं को मुफ्त बीमा कवर दिया है। उन्होंने कहा कि आज देश में तेजी से नए एम्स खोले जा रहे हैं, नए मेडिकल कॉलेज बनाएं जा रहे हैं, आधुनिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। 2014 तक देश में केवल 6 एम्स थे, वहीं इन 7 वर्षों में 15 नए एम्स का काम शुरू हुआ। मेडिकल कॉलेज की संख्या भी लगभग डेढ़ गुना बढ़ी है। जितनी बड़ी संख्या में आप मरीजों की सेवा और देखभाल कर रहे हैं, उसके हिसाब से हम पहले से ही दुनिया में सबसे आगे हैं।


स्वास्थ्य

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